Book Chaska

Twelfth Fail Book Summary

“हारा वही, जो लड़ा नहीं” Twelfth Fail Book के कवर पेज पर लिखा ये वाक्य अपने आप में ही एक संदेश दे देता है कि पाठक गण को इस किताब के अंदर क्या मिलने वाला है? Twelfth Fail Book को पढ़ने के बाद मैं अपने आप को रोक ना सका। मैंने सोचा कि क्यों ना Twelfth Fail Book Summary आप सभी के सामने प्रस्तुत करूँ ताकि आप सभी को इस किताब 12th Fail Book की एक एक ब्रीफ़ जानकारी मिल सकें।

Twelfth Fail Book Summary 

अनुराग पाठक द्वारा लीखित 12th Fail एक सत्य घटना पर आधारित काफ़ी प्रेरणदायक किताब है। जिसमें आईपीएस मनोज शर्मा के फ़र्श से अर्श तक की कहानी का उल्लेख किया गया है। Twelfth Fail Book हर किसी को पढ़ना चाहिये, ख़ास कर किसी भी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी के अंदर ये किताब एक उम्मीद, एक उत्त्साह और लक्ष्य के प्रति एक जुनून भरने में पूरी तरह से कारगर हो सकता है।

मनोज शर्मा एक परिचय

Twelfth Fail Book की कहानी चम्बल के एक छोटे से गाँव मुरैना में रहने वाले मनोज शर्मा से जुड़ी है। मनोज का पढ़ाई लिखाई में बिलकुल मन नहीं लगता था ।एक सुबह जब छत पर सोये हुए मनोज की नींद खुली तो उसने देखा कि कुएँ पर पास की औरतें पानी भरने आयीं हैं, फिर क्या था तुरंत ही मनोज ने मैथ की किताब निकाली और ज़ोर ज़ोर से पढ़ने लगा।उस दिन मनोज के बारहवीं परीक्षा के गणित का पेपर भी था।मगर वो परीक्षा की तैयारी कम कर रहा था, कुएँ पर पानी भरने आयी औरतों को ज़्यादा दिखा रहा था कि वो कितना पढ़ता है।तभी एक औरत ने बोला, “एक मेरा लड़का है जो कभी पढ़ता ही नहीं हैं और मनोज को देखो वो कितना मन लगा करके पढ़ता है।” इसे सुनकर मनोज बहुत ही खुश हुआ। वो अपने गाँव में एक पढ़ने वाले अच्छे बच्चे की छवि बनाकर रखना चाहता था। मगर उसे क्या पता था कि आज ही उसकी इस छवि को बहुत बड़ा झटका लगने वाला है।

मनोज के जीवन में एसडीएम दुष्यंत सिंह का प्रवेश

गणित का पेपर देने के लिए परीक्षा हाल में बैठा मनोज बहुत उत्त्साहित था। 10th की परीक्षा की तरह 12th की परीक्षा में भी वो नक़ल मारकर अच्छे नंबरों से पास होना चाहता था।सभी विद्यार्थियों के साथ-साथ मनोज को भी गणित का पेपर मिला। बड़े उत्त्साह से वो नक़ल करने की तैयारी कर ही रहा था, तभी सभी चिल्लाने लगें SDM दुष्यन्त सिंह स्कूल में आये हैं, इस बार वो नक़ल नहीं होने देंगे। SDM दुष्यन्त सिंह की इस करवाई से मनोज को काफ़ी आश्चर्य हो रहा था। मनोज 12th में फेल हो गया। लेकिन वो  SDM दुष्यन्त सिंह के रौब, रुतबे से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका। 

मनोज को जीवन का उद्देश्य मिलना

मनोज को एक तरफ़ तो SDM दुष्यन्त सिंह पर बहुत ग़ुस्सा आ रहा था क्यों कि उन्ही की वजह से वो बारहवीं में फेल हो गया था। मगर उसे क्या पता था, इन्ही दुष्यन्त सिंह की वजह से उसके जीवन को एक नई दिशा मिलने वाली है। बाद के दिनो में मनोज का दुष्यन्त सिंह से कई बार सामना हुआ। दुष्यन्त सिंह भी मनोज से काफ़ी प्रभावित थे। मनोज भी दुष्यन्त सिंह के व्यक्तित्व से बच ना सका। एक बार हिम्मत करके मनोज ने दुष्यन्त सिंह से बोल ही दिया, “सर, मैं आप जैसा बनना चाहता हूँ।” 

दुष्यन्त सिंह ने बोला, बहुत बढ़िया, लक्ष्य हमेशा ऊँचा बनाना चाहिए।अगर कोई ठान लें तो कुछ भी असम्भव नहीं है। किस क्लास में पढ़ते हो?

मनोज ने झूठ बोल दिया, सर अभी 12th की परीक्षा पास की है।   

दुष्यन्त सिंह ने बोला – देखो मनोज, स्टेट सर्विस में जाने के लिए PSC की परीक्षा देनी पड़ती है।PSC में सलेक्ट होने के बाद डिप्टी कलेक्टर बनते हैं।सब डिविज़न में काम करने वाले डिप्टी कलेक्टर को SDM कहते हैं।

मनोज दुष्यन्त सिंह से बात करके और SDM बनने का सपना मन में बसाये घर वापस लौट आया।

मनोज की पारिवारिक स्थिति

मनोज की पारिवारिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। मनोज के पिता राम वीर शर्मा एक सत्यनिष्ठ ईमानदार आदमी थे।जिसकी वजह से अक्सर आर्थिक तंगी बनी रहती थी। माँ एक ग्रहणी थी।बीच में मनोज के भाई कमलेश ने मनोज के साथ मिलकर टेम्पो चलाने के काम शुरू किया, लेकिन वो काम भी ज़्यादा दिन तक ना चल सका।इन आर्थिक परेशानियों के बीच मनोज ने किसी तरह बारहवीं की परीक्षा पास कर ली।इस बार वो बिना नक़ल किए हुए ही परीक्षा उत्तीर्ण की थी।उसके मन में SDM बनने की खवाहिस अभी भी ज़िंदा थी।वो ग्वालियर चला गया और आगे की पढ़ाई उसने MLB College, Gwalior से B.A. की पढ़ाई पूरी की।मनोज ने ५५% के साथ B.A. पास कर लिया।अब वो PSC की परीक्षा में शामिल होने के योग्य हो गया था।  

IAS की तैयारी और जीवन का असली संघर्ष 

आगे की ज़िंदगी मनोज के लिए इतनी आसान नहीं होने वाली थी।अपने पिता के निलम्बित होने की वजह से उसे बहुत ज़्यादा आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।इसके लिए उसने लाइब्रेरी में नौकरी कर ली।वहाँ उसे रहने के लिए जगह भी मिल गई।लेकिन मनोज की सच्चाई और ईमानदारी पर उँगली उठने के कारण उसने वो काम छोड़ दिया और आटे की चक्की पर काम करने लगा और PSC की तैयारी करता रहा।वो जब PSC की तैयारी कर रहा था तभी एक समाचार आया कि सरकारी खर्चे में कटौती के कारण इस साल मध्य प्रदेश में PSC की परीक्षा आयोजित नहीं होगी। इस बात से मनोज के साथ साथ सभी दुखी थे, तभी अंशु नाम की एक लड़की जिसका PSC में selection हो चुका था, उसने मनोज को 10 हज़ार रुपये दिए और बोला की तुम दिल्ली जाकर UPSC सिवल सेवा के परीक्षा की तैयारी करो। मनोज दिल्ली आ गया और वहाँ मुखर्जी नगर में रह कर IAS की तैयारी करने लगा। यहाँ पर भी उसे अपने खर्चे निकालने के लिए काफ़ी मेहनत करना पड़ता था। जिसकी वजह से वो अपनी पढ़ाई पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे पाता था।

दिल्ली में IAS की तैयारी के दौरान बहुत सारी घटनायें घाटी। जैसे श्रद्धा और मनोज का मिलना, मनोज को श्रद्धा से प्यार होना, मनोज से श्रद्धा का नम्बर गुम हो जाने के बाद सीधे उसके घर पहुँच जाना, मनोज के साथ आर्थिक समस्या का लगातार बने रहना, और कई तरह की चुनौतियों का सामना करते हुए आख़िर कार अपने अंतिम attempt में अपने लक्ष्य तक पहुँचना और भारतीय पुलिस सेवा को प्राप्त करना।     

ऐसी और भी कई सारी दिलचस्प बातें हैं जिन्हें मैं साझा नहीं कर रहा हूँ ताकि आप और दूसरों भी इस पुस्तक को पढ़ने का  आनंद लेना ले सकें अगर आप इस किताब के बारे में और जानकारी चाहते हैं तो इस लिंक के थ्रू जान सकते हैं। 

Conclusion

मनोज शर्मा पर लिखी Twelfth Fail Book से ये ज्ञान मिलता है कि कैसे एक बारहवीं की परीक्षा में फेल होने वाला लड़का देश की सबसे बड़ी परीक्षा को पास करता है।लेखक अनुराग पाठक ने बहुत ही बेहतरीन तरीक़े से मनोज के जीवन को इस Twelfth Fail Book में चित्रित किया है। मनोज एक जुझारू प्रवृति का, अपने लक्ष्य पर सदा फ़ोकस बनाये रखने वाला व्यक्ति है। एक मार्ग पर टिके रहने की क्षमता सिर्फ़ उसके competition की तैयारी में ही नहीं दिखती, बल्कि श्रद्धा से प्यार के मामले में भी उसका फ़ोकस सिर्फ़ एक जगह था।मगर Twelfth Fail होने का डर उसके मन में सदा बना रहा।श्रद्धा के प्रेरक बातों ने उसे इस डर से बाहर निकालने में काफ़ी मदद की। अगर यूँ कहें कि IPS बनने में उसके प्यार का भी एक योगदान था, तो ग़लत ना होगा।

Twelfth Fail Book हर किसी को पढ़नी चाहिए। अगर आप इस किताब के बारे में और जानकारी चाहते हैं तो इस लिंक के थ्रू जान सकते हैं।  

Twelfth Fail Book के बारे में प्रमुख हस्तियों द्वारा कही गई बातें

Serial No. Person Name Sentence
1. सचिन तेंदुलकर अत्यंत प्रेरक और पठनीय, मेरा विश्वास है की ये उपन्यास अनेक युवाओं को उनके सपने
पूरे करने के लिए प्रेरित करेगा।
2 राजकुमार हिरानी इस उपन्यास के किरदार मुझे कभी-कभी 3 idiots की याद दिलाते हैं।
3 सुनील गावस्कर संकल्प, समर्पण और अनुशासन से पूर्ण एक अद्भुत पुस्तक
4 अनुराग कश्यप यह उपन्यास विश्वास दिलाता है कि अगर आप वास्तव में कुछ करना चाहते हैं तो ज़रूर कर
सकते हैं।
5 मनोज वाजपेयी आर्थिक – मानसिक संघर्ष का विश्वसनीय दस्तावेज़
6 आशुतोष राणा सफलता उन्हीं के कंठ में जयमाला पहनाती है जिनमें साहस, स्वीकार, संकल्प और समर्पण
समान अनुपात में होते हैं, यह उपन्यास इसी संतुलन की गाथा है।

FAQ

Q1. Twelfth Fail Book को कौन पढ़ सकता है?

ऐसा नहीं है कि यह किताब केवल competition की तैयारी करने वालों की ही प्रेरणा देगी।इस किताब को पढ़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि इस किताब को कोई भी पढ़ सकता है। यह किताब ये सिखाती हैं कि अगर मन में सच्ची लगन हो तो ज़िंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। 

Q2. Who is the writer of the Twelfth Fail Book? 12th Fail किताब का राइटर कौन है?

बारहवीं फेल मनोज शर्मा के जीवन पर आधारित Twelfth Fail Book को Anurag Pathak ने लिखा है।

Q3. Who is Manoj Sharma?

मनोज शर्मा का जन्म मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की जौरा तहसील के बिलगांव में हुआ था. मनोज कुमार शर्मा के घर की आर्थिक स्थिति खराब थी। सारी विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद उन्होंने last attempt में IAS clear किया।उन्ही के life पर बारहवीं फेल के नाम से अनुराग पाठक ने Twelfth Fail Book लिखी।

Q4. Who is the wife of Manoj Sharma?

श्रद्धा जोशी, मनोज कुमार शर्मा की पत्नी हैं। वो एक IRS officer हैं।उनके पति मनोज शर्मा एक IPS officer हैं।

Q5. How to Read the 12th fail book in english?

आप इस लिंक के थ्रू Twelfth Fail Book के इंग्लिश वर्ज़न को ख़रीद सकते हैं।

मुझे पूरी उम्मीद है कि आप सभी को मनोज शर्मा के जीवन पर लिखी Twelfth Fail Book की ये Summary आप सभी को बहुत पसंद आयी होगी और मेरा ये प्रयास भी। आप सभी के विचार हमेशा ही मेरा एक उचित मार्गदर्शन करते हैं।Twelfth Fail Book पर लिखे इस article को यहाँ तक पढ़ने के लिए आप सभी को बहुत धन्यवाद। 

Book Chaska पढ़ते रहिए और ज्ञान बढ़ाते रहिए।

Exit mobile version